वोट करो : त्रिलोकी

 वोट के अधिकार को जानो,ओ मेहनत करने वालो।

वोट का चोट करना सीखो, ओ भूख से मरने वालो।।


वोट करो, कि हर मेहनतकश को उसका हक दिलवाना है।

वोट करो, अगर इस देश को अपने ढंग से चलवाना है।।


वोट करो,

खुद अपनी किस्मत का फैसला अगर तुम्हें करना है।

वोट करो,

अगर देश की बागडोर को कब्ज़े में करना है।।


वोट के अधिकार को जानो,ओ मेहनत करने वालो।

वोट का चोट करना सीखो, ओ भूख से मरने वालो।।



सुनो कि प्रस्तावना कहती है :

भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न, समाजवादी , पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक  गणराज्य बनाना है।

वोट करो 

कि लोगों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक

 न्याय दिलाना है।।

वोट करो 

कि सबको विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता पाना है।

वोट करो

कि सबके लिए प्रतिष्ठा और अवसर की समता लाना है।।

वोट करो 

कि सबमें व्यक्ति की गरिमा, राष्ट्र की एकता और अखण्डता के लिए  बन्धुता बढ़ाना है।


वोट के अधिकार को जानो,ओ मेहनत करने वालो।

वोट का चोट करना सीखो, ओ भूख से मरने वालो।।



वोट करो, कि जो करे काम, उसका अपमान न हो।

वोट करो, कि अत्याचार न हो,फिर से हम गुलाम न हो।


जानो, कि हम भारत के भाग्य-विधाता हैं।

जानो, कि वोट से हाथ, राज-पाट आता है।।


जानो, कि वोट मौलिक अधिकार हमारा है।

जानो, कि वोट से बनता, सरकार हमारा है।।



अम्बेडकर कहते हैं:

वोट करो कि ब्रह्मास्त्र से भी बड़ा हथियार मिले।

जाॅर्ज कार्ली कहते हैं:

वोट करो कि शिकायत करने का अधिकार मिले।।


लिंकन कहते हैं:

वोट करो कि वोट है गोली से भी मजबूत।

गांधी कहते हैं:

वोट करो कि वो अंतिम व्यक्ति जाए न कहीं छूट।।


वोट करो, कि राजा न निकले केवल रानी के पेट से।

वोट करो, कि राजा निकले केवल हमारे वोट से।।


वोट के अधिकार को जानो,ओ मेहनत करने वालो।

वोट का चोट करना सीखो, ओ भूख से मरने वालो

                                       ✍️ Triloki Kumar 


यह रचना सफ़दर हाशमी की रचना 'पढ़ना-लिखना सीखो वो मेहनत करने वालो' से प्रेरित है।



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